रूस ने यूक्रेन को दी युद्ध की चेतावनी: यूक्रेन की मदद को आगे आए कई पश्चिमी देश

रूस ने यूक्रेन को दी युद्ध की चेतावनी: यूक्रेन की मदद को आगे आए कई पश्चिमी देश

यूक्रेन पर रूस के हमले के खतरे को देखते हुए अमेरिका-ब्रिटेन समेत कई पश्चिमी देश सतर्क हैं.

रूस ने साफ शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा हैं कि अगर पूर्वी यूरोप में नाटो का विस्तार नहीं रुका तो वह किसी भी हद तक जा सकता है.

जिसके बाद ब्रिटेन ने यूक्रेन को हजारों की संख्या में लाइट एंटी टैंक मिसाइलें भेजी है.
 
इसके अलावा अमेरिका और तुर्की ने भी यूक्रेन को भारी मात्रा में हथियार दिए हैं.
 
यूक्रेन ने इन्हीं हथियारों को रूस से लगती सीमा के पास तैनात किया हुआ है.

आपको बता दे की, यूक्रेनी सेना ने रूस की सीमा के नजदीक युद्धाभ्यास भी कर रही है.

ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय में सशस्त्र बलों के मंत्री जेम्स हेप्पी ने बुधवार को एलबीसी रेडियो ब्रॉडकास्टर को बताया कि यूनाइटेड किंगडम ने यूक्रेन को कई हजारों हल्की एंटी टैंक मिसाइलें भेजी हैं.

उन्होंने तारीफ करते हुए कहा कि यूक्रेन एक गर्वित संप्रभु राष्ट्र है और वहां के लोग अपने देश के हर इंच के लिए लड़ने को तैयार हैं.

ब्रिटेन ने मंगलवार को बताया था कि उनके देश ने यूक्रेन को मिसाइलों सहित कई हथियार सौंपे हैं। अमेरिका भी दे रहा एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलें. 

इस हफ्ते की शुरुआत में अमेरिका और ब्रिटिश अधिकारियों ने यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई बढ़ाने को लेकर सुझाव दिया था.

आपको बता दे की इसके चलते रूस ने यूक्रेन को हथियार दिए जाने की कड़ी आलोचना की थी.

रूसी विदेश मंत्रालय ने बताया था कि ऐसे कदमों से हालात और खराब होंगे.

पश्चिमी देशों ने यूक्रेन पर रूस के हमला करने की योजना बनाने का आरोप लगाया.

इस हफ्ते की शुरुआत में, यूक्रेनी सेना ने डोनबास में अलगाववादियों के खिलाफ तुर्की के टीबी 2 मानव रहित लड़ाकू हवाई वाहनों यूसीएवी के साथ हमले किए.

जनवरी 2015 में यूक्रेन और रूस समर्थित अलगाववादियों के बीच भयंकर झड़पें हुई थीं.

12 फरवरी, 2015 को मिन्स्क नाम के नए युद्धविराम पर सहमति होने से पहले डोनेट्स्क अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और डेबाल्टसेव में भीषण संघर्ष हुआ था.

यूक्रेन से बढ़ते तनाव के बीच रूस के परमाणु बॉम्बर्स बेलारूस में गश्त लगा रहे हैं.

Tu-22M3 लंबी दूरी तक परमाणु हमला करने में सक्षम रणनीतिक बमवर्षक विमान है.

यूक्रेन के उत्तरी सीमा पर परमाणु बॉम्बर्स की तैनाती से रूस और अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो के बीच तनाव और ज्यादा बढ़ सकता है. 

नाटो ने आरोप लगाया है कि इस तैनाती का असली मकसद बेलारूस के रास्ते यूक्रेन पर हमला करने की तैयारी करना है.

मोहम्मद अनवार खान